Mahavatar Narsimha Review in Hindi: ‘महावतार नरसिम्हा’ एक ऐसी एनिमेटेड फिल्म है जो दर्शकों को श्रद्धा, भावना और भारतीय पौराणिक कथाओं की गहराइयों में ले जाती है। निर्देशक और लेखक अश्विन कुमार ने इस फिल्म के माध्यम से सनातन संस्कृति की एक प्रसिद्ध गाथा को समर्पित तरीके से परदे पर उतारा है। फिल्म की स्टोरी टेलिंग, एनिमेशन और ग्राफिक प्रस्तुति इतने प्रभावशाली हैं कि यह 2 घंटे 21 मिनट तक दर्शकों को बांधे रखती है।
विषय | विवरण |
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फिल्म | महावतार नरसिम्हा |
निर्देशन | अश्विन कुमार |
अभिनेता | एनिमेटेड पात्र (कोई लाइव ऐक्टर नहीं) |
समय | 2 घंटे 21 मिनट |
भाषा | हिंदी |
Mahavatar Narsimha Story
यह कथा उन लोगों के लिए जानी-पहचानी है जो सनातन संस्कृति में पले-बढ़े हैं। कहानी की शुरुआत होती है महर्षि कश्यप के घर दो राक्षस पुत्रों हिरण्यकशिपु और हिरण्याक्ष के जन्म से। जन्म से ही ये दोनों भाई भगवान विष्णु के विरोधी बन जाते हैं। हिरण्याक्ष ने धरती और देवताओं के बीच आतंक फैला दिया था, जिसके अंत के लिए भगवान विष्णु ने वराह रूप धारण किया और उसका वध किया।
इसके बाद हिरण्यकशिपु ने बदला लेने की ठान ली और ब्रह्मा जी से ऐसा वरदान प्राप्त किया जिससे उसका अंत असंभव हो गया। लेकिन नियति ने उसके घर ही भगवान विष्णु के अनन्य भक्त प्रह्लाद को जन्म दिया। पांच वर्ष की उम्र में ही प्रह्लाद वासुदेव की भक्ति में लीन हो गए, जिससे हिरण्यकशिपु उन्हें अपना शत्रु मान बैठा।
कई प्रयासों के बावजूद हिरण्यकशिपु अपने पुत्र का संहार नहीं कर सका। अंततः भगवान विष्णु ने नरसिंह रूप में अवतार लिया और अपने भक्त की रक्षा की। इस अविस्मरणीय दृश्य को देखने के लिए आपको सिनेमाघर का रुख करना होगा।
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Mahavatar Narsimha sequel
महावतार नरसिम्हा के बाद इसके बाद ‘महावतार परशुराम’ (2027), ‘महावतार रघुनंदन’ (2029), ‘महावतार द्वारकाधीश’ (2031), ‘महावतार गोकुलानंद’ (2033), ‘महावतार कल्कि पार्ट 1’ (2035) और ‘महावतार कल्कि पार्ट 2’ (2037) रिलीज होंगी। ये यूनिवर्स भारतीय माइथोलॉजी को नई तकनीक और भव्यता के साथ दर्शकों के सामने पेश करेगा। महावतार नरसिम्हा का डायरेक्शन अश्विन कुमार ने किया है, और इसे शिल्पा धवन, कुशल देसाई, और चैतन्य देसाई ने कलीम प्रोडक्शंस के तहत प्रोड्यूस किया है।

Mahavatar Narsimha Pros
इस फिल्म की सबसे बड़ी ताकत है इसकी शानदार एनिमेशन क्वालिटी और भावनात्मक कहानी कहने की शैली। भक्ति, करुणा और रौद्रता भगवान के ये सभी रूप बड़े प्रभावी ढंग से दिखाए गए हैं। फिल्म कई जगह दर्शकों को भावुक कर सकती है, विशेष रूप से प्रह्लाद और भगवान के संवादों में।
Mahavatar Narsimha Cons
अगर बात कमियों की हो, तो एक बड़ी कमी फिल्म के प्रचार में दिखती है। इसे ज्यादा प्रमोट किया जाना चाहिए था ताकि यह ज्यादा से ज्यादा दर्शकों तक पहुंच पाती। इसके अलावा, इसका टकराव उसी हफ्ते रिलीज हो रही जेनरेशन Z की चर्चित फिल्म ‘सैयारा’ से पड़ता है, जो इसके कलेक्शन पर असर डाल सकता है।
Mahavatar Narsimha Review
यदि आपने इस पौराणिक कथा को कभी पढ़ा या सुना है, तब भी इसे एनिमेशन के माध्यम से देखना एक बिल्कुल नया अनुभव देगा। यह फिल्म खासतौर पर बच्चों और परिवार के साथ देखने लायक है। भगवान नरसिंह के रूप के दर्शन और कहानी की प्रस्तुति इसे एक बार जरूर देखने योग्य बनाती है।
Ratings: 4/5
𝐖𝐡𝐞𝐧 𝐅𝐚𝐢𝐭𝐡 𝐢𝐬 𝐂𝐡𝐚𝐥𝐥𝐞𝐧𝐠𝐞𝐝, 𝐇𝐞 𝐀𝐩𝐩𝐞𝐚𝐫𝐬.
𝐆𝐞𝐭 𝐑𝐞𝐚𝐝𝐲 𝐟𝐨𝐫 𝐭𝐡𝐞 𝐑𝐨𝐚𝐫!
Experience the epic Teaser of #MahavatarNarsimha on January 14th at 12:33 PM!
‘Mahavatar – Narsimha’ is the First Tale of the #Mahavatar… pic.twitter.com/sgOlVEPKgo
— Hombale Films (@hombalefilms) January 13, 2025
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